आदरणीय मेरे शुभचिन्तकगण मित्रो एवम भाईयो . जय जिनेन्द्र
खामेमि सव्व जीवे सव्वे जीवा खमन्तु मे. मित्ति मे सव्व भूयेषु वैरन मज्झ न केणई
"विगत 365 दिनो मे जाने अनजाने, अपके दिल को दुखाया हो तो मै पर्युषण महापर्व का आज सवत्सरी का प्रतिक्रमण करते हूऎ मन से वचन से काया से सरल हर्दय से खमत-खामणा करता हू, क्षमा मागता हू.
3 टिप्पणियां:
आदरणीय मेरे शुभचिन्तकगण मित्रो एवम भाईयो .
जय जिनेन्द्र
खामेमि सव्व जीवे सव्वे जीवा खमन्तु मे.
मित्ति मे सव्व भूयेषु वैरन मज्झ न केणई
"विगत 365 दिनो मे जाने अनजाने, अपके दिल को दुखाया हो तो मै पर्युषण महापर्व का आज सवत्सरी का प्रतिक्रमण करते हूऎ मन से वचन से काया से सरल हर्दय से खमत-खामणा करता हू, क्षमा मागता हू.
बहुत अच्छा ,बधाई
जय जिनेन्द्र !!!
खम्वत खामणां
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